Mandi Bhav : मध्यप्रदेश बना देश में सोयाबीन उत्पादन का अग्रणी: महाराष्ट्र-राजस्थान को पछाड़ा, रकबे में 2% की बढ़ोतरी

Mandi Bhav : मध्यप्रदेश बना सोयाबीन उत्पादन का सिरमौर, 66 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा

Mandi Bhav : मध्यप्रदेश बना देश में सोयाबीन उत्पादन का अग्रणी: महाराष्ट्र-राजस्थान को पछाड़ा, रकबे में 2% की बढ़ोतरी

भोपाल। मध्यप्रदेश ने सोयाबीन उत्पादन में देशभर में पहला स्थान हासिल कर लिया है। महाराष्ट्र और राजस्थान को पीछे छोड़ते हुए एमपी ने देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य बनने में सफलता पाई है। प्रदेश में सोयाबीन की खेती के रकबे में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में यह रकबा 66 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। मध्यप्रदेश बना देश में सोयाबीन उत्पादन का अग्रणी: महाराष्ट्र-राजस्थान को पछाड़ा, रकबे में 2% की बढ़ोतरी

यह भी जरूर पढ़ें – नीमच मंडी में 30 दिसंबर 2024 के देसी लहसुन के भाव और जानकारी

देश के कुल उत्पादन का आधा हिस्सा मध्यप्रदेश से

देश में उत्पादित कुल सोयाबीन का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा अकेले मध्यप्रदेश से आता है। यह सफलता किसानों की मेहनत और प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों का परिणाम है। खरीफ सीजन में सोयाबीन प्रदेश की सबसे प्रमुख फसल है, जो कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती है।

सोयाबीन रकबा और उत्पादन में इजाफा

प्रदेश में सोयाबीन की खेती और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। बीते साल की तुलना में रकबे में करीब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि इस वर्ष 31 दिसंबर तक 6.5 से 7 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन का उपार्जन पूरा हो जाएगा।

महाराष्ट्र और राजस्थान को पछाड़ा

मध्यप्रदेश ने सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश सरकार किसानों को प्रति क्विंटल 4,892 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दे रही है। उत्पादन में हुई इस वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने उपार्जन की मजबूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

यह भी जरूर पड़े – चने के दामों में तेजी, चना पहुंचा 6650 रुपए प्रति क्विंटल, जानें अन्य मंडियों के ताजे हाल

टॉप 10 जिलों में किसानों को भुगतान

प्रदेश में अब तक 2 लाख किसानों को 1,957.1 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान का औसत प्रतिशत 70.41 है। नीमच जिला शत-प्रतिशत भुगतान के साथ सूची में सबसे आगे है। इसके अलावा, विदिशा, राजगढ़, नर्मदापुरम, आगर मालवा, शहडोल, अनूपपुर, जबलपुर, उमरिया और खरगोन भी टॉप 10 जिलों में शामिल हैं, जहां 75 प्रतिशत से अधिक किसानों को राशि का भुगतान हो चुका है।

मालवा अंचल बना उत्पादन का केंद्र

मालवा अंचल सोयाबीन उत्पादन का केंद्र है। प्रदेश में सोयाबीन के परिवहन का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। पंजीकरण से लेकर बारदाने की व्यवस्था, परिवहन, भंडारण और भुगतान के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है।

किसानों को समय पर मिले भुगतान: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को उपार्जित सोयाबीन का भुगतान समय पर और बिना किसी कठिनाई के किया जाए। सोयाबीन के भंडारण और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। पहली बार समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए ई-उपार्जन पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि किसानों को त्वरित लाभ मिल सके।

Leave a Comment